bokomslag Jivan Jaisa Jiya
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  • 222 sidor
  • 2018
पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की यह आत्मकथा सिर्फ उनकी निजी जि़न्दगी की कहानी नहीं है। यह उनके समय का प्रामाणिक दस्तावेज़ भी है। वे आजादी के बाद की निर्णायक राजनैतिक घटनाओं से जुड़े रहे। उन घटनाओं को एक निश्चित दिशा देने में उन्होंने ऐतिहासिक भूमिका भी निभाई। इसलिए उनकी इस आत्मकथा में उनके दौर का अनुद्घाटित इतिहास सुरक्षित है। अपने समय के अनेक व्यक्तित्वों और घटनाओं के बारे में उन्होंने ऐसी जानकारियाँ भी दी हैं जिनसे समकालीन राजनैतिक-सामाजिक इतिहास को समझने के लिए नए तथ्य प्राप्त होते हैं। बलिया के एक किसान परिवार में जनमे चन्द्रशेखर अपनी जीवन-यात्रा में अनेक पड़ावों से गुजरे। स्वाधीनता-आन्दोलन में शिरकत की। आजादी के बाद समाजवाद के लिए चलाए जानेवाले संघर्ष को आगे
  • Författare: Ed Suresh Sharma Chandrashekhar
  • Format: Inbunden
  • ISBN: 9788126704705
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 222
  • Utgivningsdatum: 2018-11-01
  • Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd