bokomslag बोरसी
Skönlitteratur

बोरसी

Pratima Singh

Pocket

239:-

Funktionen begränsas av dina webbläsarinställningar (t.ex. privat läge).

Uppskattad leveranstid 7-11 arbetsdagar

Fri frakt för medlemmar vid köp för minst 249:-

  • 178 sidor
  • 2023

About the Book: -


कितने ही दृश्य परदे के पीछे रह जाते हैं! कितने किरदार कथानक में अपनी जगह नहीं बना पाते! सच है, तस्वीरें सब कुछ नहीं दिखातीं। कहानियां सब कुछ नहीं सुनातीं। इन दोनों में, बीच में जो रह जाता है, जो छूट जाता है, यह किताब उन कतरनों को समेट कर आगे बढ़ती है।


इसकी कविताएं हमारे अंदर और बाहर बीत रहे को बड़ी बारीकी से उकेरती हैं। इनको पढ़ते हुए आप अपने गांव, घर या शहर को स्पष्ट रूप देख सकते हैं और चलते-चलते ख़ुद को भी महसूस कर सकते हैं।

इसके टू लाइनर भी गहरे तक छूते हैं, जैसे-

"नहीं मालूम उसे समन्दर ठगेगा या आसमान, वह बच्ची अपने घरौंदे की दीवार हमेशा नीले रंग से रंगती है।

लेखिका की यह पहली किताब ज़रूर है लेकिन लगातार घट रहे वक़्त के तमाम पहलुओं को उन्होंने बड़ी सुघड़ता से बुना है। अब यह पाठक

  • Författare: Pratima Singh
  • Format: Pocket/Paperback
  • ISBN: 9788196096571
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 178
  • Utgivningsdatum: 2023-02-27
  • Förlag: Storymirror Infotech Pvt Ltd